Saturday, 19 August 2017

US and North Korea Relations Issue - अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच विवाद, अमेरिका और उत्तरी कोरिया के युद्ध की ताज़ा जानकारी

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US and North Korea Relations Issue - अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच विवादप्रिये पाठक आप जानते है और न्यूज़ के माध्यम से भी आपको इस बारे जानकारी होगी के दुन्या के अन्दर जो हालात अभी हो रहे है वो हम्मे से किसी से छुपा हुवा नहीं है | विश्व के अन्दर कितने ऐसी country है जो किसी न किसी चाल मे फसा है, और अपनी मुसीबत मे घिरा है | इस मुसीबत का राज चाहे जो भी हो उसके बारे मे बहुत ही कम लोग जानते है | लेकिन जो लोग भी जानते है कुछ को उनकी हकीकत मालूम नहीं होती है और कुछ को सिर्फ उपरी बातों के बारे मे ही जानकारी होती है | उन्ही मे से आज मैं आपके सामने अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बारे मे बताने जा रहा हु की आखिर किया कारण है की इन दोनों देशो मे इतनी घमासान की लडाई होने वाली है | अभी तो सिर्फ अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच सिर्फ तीखी जबान बजी जारी है न जाने इसका अंजाम किया होगा ये तो समय ही बताएगा | इस मामले मे सीरिया और उत्तर कोरिया मे भी एक बड़ा अंतर है आखिर इसकी किया वजह है ? इसके अन्दर दक्षिण कोरिया और जापान की किया चिंता है किया ये सब भी परेशान है ? जबकि चीन भी अमेरिका और उत्तरी कोरिया के युद्ध को नहीं चाहता आखिर इसमें इसकी किया मर्जी है

अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच युद्ध 


अगर अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच युद्ध हुवा तो चीन को उत्तर कोरिया का साथ देना ही होगा कियों? इन सब के बारे मे हम विस्तार से बात करेंगे लेकिन उससे पहले हम अमेरिका और उत्तरी कोरिया के विवाद के बारे मे जान ले आप जानते है की उत्तर कोरिया और अमेरिका के बिच तनाव बहुत जयादा ही बढ़ता जा रहा है | इन सब मसले का जड़ अमेरिका का सीरिया पर अमेरिका दुवारा किये गए हमले के बाद ही शुरू हुवा है | जबकि इस वक्त उत्तरी कोरिया एक ऐसे तानाशाह हाकिम के हाथ मे है, जो खुद ही अपने ही मुल्क मे कई तरह की आजादी को छीन लिया है | उत्तरी कोरिया का अमेरिका से नफरत करने का बहुत सारी वजह है | लेकिन मैं यहाँ पे आपको उन सारी बातों के बारे मे बताऊंगा जो बहुत ही अहम् है, जिसका जानना हमारे लिए जरुरी है |

अमेरिका और उत्तरी कोरिया का वर्तमान विवाद स्तिथि


दोस्तों जैसा के हम जानते है और हमने न्यूज़ के माध्यम से भी देखा है की उत्तरी कोरिया कई दिनों से अपने नुक्लेअर हथियारों का अपने हिसाब से परिक्षण कर रही है | उत्तरी कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग ने लग-भग हर दिन अपने नुक्लिअर पॉवर को अजमाया है | और अपनी ताकत का लोहा पूरी दुन्या को मनवाने मे लगी है, जिसकी वजह से अमेरिका को काफी परेशानी हो रही है | जबकि उत्तरी कोरिया अमेरिका को डराने की काफी कोशिश कर रहा है अपने टेस्टिंग पॉवर के माध्यम से लेकिन अमेरिका को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है, कियोंकि की अमेरिका जनता है की इन मिसाईलों की मारक ताकत इंतनी नहीं है, लेकिन इससे जापान और दक्षिण कोरिया के हिफाजत मे बहुत बड़ी सेंध लग सकता है | इसी को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ-साफ कह दिया और चेतावनी भी दे डाली की अगर कोई भी मुल्क अमेरिका पर गलत निगाह से दीखेगा तो उसको बख्शा नहीं जायेगा |

अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच का इतिहास


इतिहास गवाह है की कभी भी अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच ताल्लुक अच्छे नहीं रहे है | जब कोरियाई लडाई हवी तो उस वक्त अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अन्य 15 एलाई के साथ उत्तरी कोरिया और उसके चीनी एलाई के साथ लडाई किया था | इस लडाई मे दोनों को काफी नुकसान भी हुवा था | इसके बाद दोनों के बिच सुलह हवी और दस्तखत भी हुवे थे के हम लडाई नहीं करेंगा लेकिन कभी भी ऐसा नहीं हुवा की दोनों के बिच शांति बहाल रहा हो | यही वजह है की आज भी दोनों देश के बिच ताना तानी है और लडाई की स्थिथि हो जाती है |

अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच विवाद, अमेरिका और उत्तरी कोरिया की ताज़ा जानकरी

चार कारण ऐसे है जिसकी वजह से अमेरिका उत्तरी कोरिया पर हमला नहीं करेगा


आप तो जानते है की अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच बयान बजी जोरो पर है और इसी के बिच कुछ नई बाते भी सामने आती है जो हमें सोचने पर मजबूर कर देता है | कुछ दिन पहले की बात है की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा की हमारी सेना उत्तर कोरिया से निपटने के लिए बिलकुल तैयार है | इस बात से ठीक पहले उत्तर कोरिया ने प्रशांत महासागर मे स्तिथ अमेरिका के द्वीप गुआम पर हमले की धमकी दे डाली थी | इसी बात को लेकर ट्रंप ने कहा की अगर उत्तर कोरिया कोई भी नासमझी भरी कदम उठाया तो मैं भी आर्मी कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार हूँ और फिर उत्तर कोरिया को ऐसी तबाही का सामना करना पड़ेगा की जिसके बारे मे कभी भी उत्तर कोरिया ने सोचा भी नहीं होगा |अब सवाल उठता है के किया हकीकत मे ऐसा हो सकता है ? अगर हुवा तो फिर किया होगा | कियोंकि इसी साल अमेरिका ने सीरिया पे भी हमला किया था | तो फिर किया अब अमेरिका उत्तर कोरिया पर किसी भी दिन हमला कर सकता है | लेकिन कुछ कारण है की अमेरिका लाख चाहते हेव भी उत्तर कोरिया पे हमला नहीं कर सकता | कियों अमेरिका उत्तर कोरिया पे हमला नहीं कर सकता इसके बारे मे मैं आपको बताने जा रहा हूँ आप दिल थाम के बैठें |

सीरिया और उत्तर कोरिया मे बहुत बड़ा फर्क


अगर आप सीरिया और उत्तर कोरिया की फ़िलहाल फ़ौज की ताकत की बराबरी करें तो आपको पता चलेगा की उत्तर कोरिया की फ़ौज के सामने सीरिया की फ़ौज की छमता बिलकुल नहीं के बराबर है | अगर आप सीरिया के बशर अल असद सरकार के ताकत का अंदाजा इस बात से लगा सकते है की उनको अपने मुल्क के अन्दर विद्रोहियों से मुकाबला करने के लिए अपनी ताकत नहीं है तभी तो उनको ईरान, रूस और लेबनान के हिजबुल्लाह से मदद लेनी पड़ रही है | वही, अगर आप उत्तर कोरिया की ताकत को देखें तो आपको पता चल जायेगा के सीरिया से कही बहुत जयादा ताकतवर है | 1967 के तुलना मे उत्तर कोरिया की 'कोरियन पीपुल्स आर्मी' ने बहुत ही जयादा जल्दी से तरक्की की है, उस वक्त उत्तर कोरिया के सेना की तादाद तक़रीबन साढ़े तिन लाख जवान थे, वही अब सेना के अन्दर 12 लाख जवान शामिल है | अगर इस हिसाब से देखें तो आपको पता चल जायेगा की उत्तर कोरिया की फ़ौज की गिनती अमेरिका और भारत के बाद तीसरे नम्बर पर आता है | और वहां की एक और खास बात यह है की हर नागरिक को साल मे दो बार army training लेनी पड़ती है, जिसको फिर लडाई के समय बुला लिया जाता है | सिर्फ उत्तर कोरिया फौजी शक्ति ही नहीं रखता बल्कि अपने पास हथियारों का भरपुर जखीरा भी रखता है, जिसके कारण इसकी गिनती दुन्या के पांच बड़े देशों मे किया जाता है | और अन्दर की बात है की उत्तर कोरिया के पास अंतरमहाद्विपीय मिसाईल (आईसीबीएम) है जिसके कारण अमेरिका उसके निशाने पर आ सकता है और ये सामान सीरिया के पास बिलकुल भी नहीं है | और उत्तर कोरिया कह भी चूका है की अगर हमको जयादा उकसाया तो हम परमाणु हमला करने से नहीं डरेंगे |

जापान और दक्षिण कोरिया की चिंता


कुछ दिन पहले जब ट्रंप प्रशासन ने अपने युद्ध पोत कार्ल विसन को कोरियाई प्रायद्वीप मे तैनात करने का हुक्म दिया तो सबसे जयादा चिंता दक्षिण कोरिया और जापान को हुवा | जब इसकी जानकारी दक्षिण कोरिया को हवी तो उन्होंने फ़ौरन अमेरिका से बात की और उत्तर कोरिया पे कोई भी सैन्य कार्रवाई का आदेश न देने को कहा | दक्षिण कोरिया और जापान ये तो चाहता है की अमेरिका हमारे साथ रहे मगर किसी भी सूरत मे वो उत्तर कोरिया पर हमला न करे | आपको ये भी जानना होगा की ट्रंप के राष्ट्रपति बन्ने जितना परीशान उनके विरोधी थे उतना ही परेशान जापान और दक्षिण कोरिया भी था | इसका खास वजह ये थी की जब ट्रंप चुनाव परचार कर रहे थे उसी समय उन्होंने ने उत्तर कोरिया पर हमले को लेकर बयां दिया था | इसी वजह से जब ट्रंप ने अपनी शपथ नहीं ली थी तभी जापान के राष्ट्रपति शिंजो अबे उनसे मुलाकात की थी और बात किथे की बिना युद्ध के ही मसले को हाल कर लिया जाये | जापान और दक्षिण कोरिया को पता है की अगर युद्ध हुवा तो उत्तर कोरिया हर एतबार से मजबूत है वो किसी भी सूरत मे डरने वाला नहीं है |

चीन भी उत्तर कोरिया का युद्ध नहीं चाहता


हर इन्सान एक दुसरे का सहारा तलाश करता है ट्रंप सहित सभी लोग जानता है की बिना युद्ध के अगर कोई देश है जो उत्तर कोरिया वाले मामले को हाल कर सकता है तो वो है चीन | इसी वजह से जब चीन के राष्ट्रपति की मुलाकात ट्रंप से हवी तो उन्होंने इस बारे मे काफी जोर दिया की इस मसले का हाल आप तलाश करो | और चीन बाई चाहता है की इस मसले का हाल हो वरना जब उत्तर कोरिया और अमेरिका के बिच युद्ध हुवा तो वह के लोग जापान और दक्षिण कोरिया नहीं जाकर वो जापान मे शरण लेंगे | कियोंकि व्यापारिक एतबार से भी उत्तर कोरिया चीन के लिए बहुत ही जयादा महत्वपूर्ण है | इसी वजह से चीन चाहता है की युद्ध की स्तिथि खत्म हो नहीं तो हमरे कारोबार पे इसका काफी असर पड़ेगा इसलिए भी चीन इस मे जयादा मेहनत कर रहा है |

युद्ध होने पर चीन को उत्तर कोरिया का साथ मिलेगा


अगर अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बिच युध हुवा तो चीन को उत्तर कोरिया का साथ देना ही पड़ेगा | कियोंकि चीन से साथ ऐसा करने के पीछे का कारण उसकी अमेरिका और उत्तर कोरिया के साथ हुवी दी संधियाँ है
  1. 1950 से लेकर 1953 तक जब उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बिच युद्ध चला था तो उस वक्त चीन और रूस ने उत्तर कोरिया का साथ दिया था, और फिर २७ जुलाई १९५३ को ये युद्ध ख़त्म हुवा | इस बिच एक सम्झोव्ता हुवा था की अगर अमेरिका कभी भी उत्तर कोरिया के साथ युद्ध करता है तो ये युद्धविराम संधि टूट जायेगा |
  2. 1961 मे चीन और उत्तर कोरिया की सरकारों ने एक और जरुरी संधि की थी | जिसका नाम 'चीन-उत्तर कोरिया पारस्परिक सहायता और सयोग मित्रता संधि' था | जिसमे कहा गया था की अगर कोई दूसरा देश इस पर हमला करता है तो दोनों को मिलकर उसका जवाब देना है और एक दुसरे की मदद भी करनी होगी | ऐसी सूरत मे चीन को भी उत्तर कोरिया का साथ देना होगा |
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